संजू सैमसन: कभी चमकते सितारे, कभी खोए मौके – एशिया कप 2025 से उम्मीदें
भारतीय क्रिकेट टीम में कई ऐसे खिलाड़ी रहे हैं जिनके पास अपार प्रतिभा थी, लेकिन उन्हें लगातार मौके या स्थिरता नहीं मिल पाई। इस सूची में संजू सैमसन का नाम सबसे ऊपर आता है। केरल से आने वाले इस बल्लेबाज़ ने अपनी अद्भुत शॉट-प्लेइंग क्षमता और लाजवाब फ्लेक्सिबिलिटी से कई बार सबको प्रभावित किया है। लेकिन उनकी सबसे बड़ी चुनौती रही है निरंतरता बनाए रखना। यही कारण है कि उन्हें अक्सर "कभी चांद तक, कभी शाम तक" वाला खिलाड़ी कहा जाता है।
हालिया धमाका
एशिया कप 2025 से पहले संजू सैमसन ने केरल प्रीमियर लीग में ऐसा प्रदर्शन किया जिसने एक बार फिर चयनकर्ताओं और क्रिकेट फैंस का ध्यान खींचा। उन्होंने मात्र 42 गेंदों में शतक ठोक दिया। इस पारी में चौकों और छक्कों की बरसात थी, जो यह साबित करता है कि जब संजू के बल्ले से रन निकलते हैं तो वे अकेले ही मैच का रुख बदल सकते हैं। यह पारी उनके आत्मविश्वास के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण रही, क्योंकि इससे पहले उनके आंकड़े उतने प्रभावशाली नहीं थे।
अस्थिरता की समस्या
हालांकि आंकड़े बताते हैं कि संजू की सबसे बड़ी समस्या उनकी फॉर्म में उतार-चढ़ाव रही है। एक ओर वे कुछ ही मैचों में 3 शतक जड़ देते हैं, तो वहीं दूसरी ओर लगातार पाँच-छह मैचों में कुल मिलाकर 50 रन से ज्यादा नहीं बना पाते। यही अस्थिरता उन्हें टीम इंडिया का स्थायी हिस्सा बनने से रोकती रही है। भारतीय टीम प्रबंधन को हमेशा ऐसे खिलाड़ियों की तलाश रहती है जो बड़े टूर्नामेंट में निरंतर रन बना सकें।
फ्लेक्सिबल बल्लेबाज़ी शैली
संजू सैमसन की एक खासियत यह है कि वे किसी भी पोज़िशन पर बल्लेबाज़ी कर सकते हैं। हालांकि ज्यादातर मौकों पर उन्हें टॉप ऑर्डर में भेजा गया, लेकिन उनके कोच और करीबी मानते हैं कि वे मिडिल ऑर्डर में भी उतने ही सफल हो सकते हैं। आधुनिक क्रिकेट में ऐसा खिलाड़ी होना टीम के लिए वरदान साबित हो सकता है, क्योंकि चोट, परिस्थिति या रणनीति के हिसाब से बल्लेबाज़ को अलग-अलग रोल निभाने पड़ते हैं।
एशिया कप 2025 से उम्मीदें
अब सबकी निगाहें एशिया कप 2025 पर होंगी। संजू सैमसन के लिए यह टूर्नामेंट करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है। अगर वे यहां शानदार प्रदर्शन करते हैं तो उनका नाम न सिर्फ भारतीय टीम की वर्ल्ड कप योजनाओं में शामिल होगा बल्कि यह भी साबित हो जाएगा कि वे लंबे समय तक टीम का हिस्सा बनने के काबिल हैं।
निष्कर्ष
संजू सैमसन भारतीय क्रिकेट के उन खिलाड़ियों में से हैं जिनके पास प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। बस ज़रूरत है निरंतरता और मौके का सही इस्तेमाल करने की। फैंस को उम्मीद है कि एशिया कप 2025 में उनका बल्ला बोलेगा और टीम इंडिया को एक मजबूत बल्लेबाज़ और फिनिशर का विकल्प मिलेगा। अगर ऐसा हुआ, तो शायद आने वाले समय में संजू को बार-बार खुद को साबित करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
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