Asia Cup 2025 में रिंकू सिंह – भारतीय क्रिकेट का नया फिनिशर
भारतीय क्रिकेट में हर दौर में कुछ ऐसे खिलाड़ी आते हैं जो अपनी मेहनत और जज़्बे से लाखों फैन्स के दिलों में जगह बना लेते हैं। रिंकू सिंह उन्हीं में से एक हैं। एक साधारण परिवार से निकलकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट तक का उनका सफ़र बेहद प्रेरणादायक है। मैदान पर उनकी शांत स्वभाव वाली बल्लेबाज़ी और अंत तक डटे रहने की आदत ने उन्हें “फिनिशर” के रूप में पहचान दिलाई है।
बचपन और संघर्ष
रिंकू सिंह का जन्म 12 अक्टूबर 1997 को अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश) में हुआ। उनका परिवार आर्थिक रूप से मज़बूत नहीं था। पिता गैस सिलिंडर डिलीवरी का काम करते थे और घर चलाना आसान नहीं था। लेकिन इन मुश्किल हालातों के बीच रिंकू ने क्रिकेट का सपना कभी नहीं छोड़ा। छोटी सी उम्र से ही उन्होंने बल्ला उठाया और स्थानीय टूर्नामेंट्स में धूम मचानी शुरू कर दी।
घरेलू क्रिकेट से IPL तक
रिंकू ने उत्तर प्रदेश की तरफ़ से घरेलू क्रिकेट खेलते हुए जल्दी ही चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा। उनकी बल्लेबाज़ी में धैर्य और आक्रामकता का बेहतरीन संतुलन देखने को मिलता है। 2017 में कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) ने उन्हें खरीदा और यहीं से उनकी किस्मत बदल गई। शुरूआती सीज़नों में ज़्यादा मौके नहीं मिले, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
2023 का आईपीएल उनके करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। गुजरात टाइटन्स के खिलाफ आख़िरी ओवर में लगातार 5 छक्के लगाकर उन्होंने मैच पलट दिया। उसी पारी के बाद रिंकू सिंह का नाम हर भारतीय क्रिकेट फैन की ज़ुबान पर चढ़ गया।
अंतरराष्ट्रीय करियर
IPL में सफलता के बाद भारतीय टीम में भी उन्हें मौका मिला। T20I फॉर्मेट में उन्होंने कम समय में ही साबित कर दिया कि वह भरोसेमंद बल्लेबाज़ हैं। रिंकू ने न सिर्फ रन बनाए, बल्कि मुश्किल परिस्थितियों में टिककर टीम को जीत दिलाने का हुनर भी दिखाया। उनका औसत और स्ट्राइक रेट दोनों ही शानदार हैं, जिससे वे भविष्य में भारत के लिए लंबे समय तक उपयोगी खिलाड़ी साबित हो सकते हैं।
एशिया कप 2025 में शामिल
रिंकू सिंह को हाल ही में Asia Cup 2025 की भारतीय टीम में जगह मिली है। यह उनका पहला मल्टी-नेशनल टूर्नामेंट होगा। चयन के बाद उन्होंने कहा कि वे “फिनिशर” नहीं बल्कि नंबर 5 के बल्लेबाज़ के रूप में टीम की ज़रूरत पूरी करना चाहते हैं। UPT20 लीग में उनके शतक ने साबित कर दिया कि वे बड़ी पारी खेलने में भी सक्षम हैं।
क्यों खास हैं रिंकू सिंह?
रिंकू सिंह की सबसे बड़ी ताक़त है उनका आत्मविश्वास और धैर्य। चाहे मैच कितना भी मुश्किल क्यों न हो, वे आख़िर तक हार नहीं मानते। उनकी फिटनेस, शॉट सिलेक्शन और दबाव में खेलना उन्हें बाकी खिलाड़ियों से अलग बनाता है। सबसे बड़ी बात, वे जमीन से जुड़े हुए इंसान हैं — जो उनके फैंस को और भी आकर्षित करता है।
निष्कर्ष
रिंकू सिंह की कहानी सिर्फ क्रिकेट की नहीं, बल्कि मेहनत और सपनों की कहानी है। एक साधारण परिवार से निकलकर भारतीय टीम तक का उनका सफर युवाओं के लिए प्रेरणा है। आने वाले वर्षों में वे भारत के लिए कई मैच जीतने वाले खिलाड़ी साबित हो सकते हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि रिंकू सिंह भारतीय क्रिकेट का उगता हुआ सूरज हैं।
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