रियल मनी गेमिंग बैन से हिला क्रिकेट: BCCI को 245 करोड़ का नुकसान, कोहली-रोहित की कमाई पर भी असर

भारत सरकार ने हाल ही में ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 पास कर दिया है। इस बिल के तहत देशभर में अब सभी रियल मनी गेम्स (Real Money Games) पर पूरी तरह प्रतिबंध लग गया है। यानी अब फैंटेसी क्रिकेट, रमी, पोकर और ऑनलाइन बेटिंग जैसी सेवाएँ कानूनी रूप से बंद हो गई हैं। इस कदम का सबसे बड़ा असर सीधे तौर पर भारतीय क्रिकेट की अर्थव्यवस्था पर पड़ा है।

BCCI को भारी नुकसान

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के लिए यह फैसला किसी बड़े झटके से कम नहीं है।

टीम इंडिया का जर्सी स्पॉन्सर ड्रीम11 (Dream11) था, जिसने करीब ₹358 करोड़ की डील की थी।

कानून लागू होने के बाद ड्रीम11 ने तुरंत BCCI से नाता तोड़ दिया।

अनुमान है कि केवल BCCI को ही लगभग ₹245–400 करोड़ रुपये का सीधा नुकसान उठाना पड़ेगा।


यह रकम सिर्फ एक कंपनी से जुड़ी है। इसके अलावा My11Circle और अन्य फैंटेसी प्लेटफॉर्म भी क्रिकेट टूर्नामेंट्स को प्रायोजित करते थे। इनके हटने से आने वाले समय में फंडिंग की और भी बड़ी कमी देखने को मिलेगी।

खिलाड़ियों की कमाई पर भी असर

इस बैन का असर सिर्फ बोर्ड तक सीमित नहीं है, बल्कि खिलाड़ियों की निजी ब्रांड वैल्यू पर भी पड़ा है।

विराट कोहली को करीब ₹10 करोड़ का नुकसान हुआ है।

रोहित शर्मा को लगभग ₹7 करोड़ की हानि हुई है।

अन्य भारतीय क्रिकेटर्स भी इन कंपनियों के विज्ञापनों से करोड़ों रुपये कमाते थे, लेकिन अब यह कमाई रुक गई है।


IPL और घरेलू लीग्स पर संकट

IPL और राज्य स्तरीय T20 लीग्स को भी इससे बड़ा झटका लगा है। फैंटेसी गेम कंपनियाँ न केवल बड़ी स्पॉन्सर थीं, बल्कि उन्होंने इन टूर्नामेंट्स के लिए विज्ञापन और मार्केटिंग पर भी भारी निवेश किया था।

अब छोटे टूर्नामेंट्स और घरेलू लीग्स की फंडिंग पर खतरा मंडरा रहा है।

कई लीग्स को अपने खर्च पूरे करने में दिक्कत आ सकती है।

अर्थव्यवस्था पर असर

सिर्फ क्रिकेट ही नहीं, बल्कि भारत की समूची डिजिटल अर्थव्यवस्था पर इसका गहरा असर देखने को मिलेगा।

सरकार को हर साल ₹20,000 करोड़ टैक्स रेवेन्यू मिल रहा था, जो अब बंद हो जाएगा।

लगभग 2 लाख लोगों की नौकरियां दांव पर हैं।

विदेशी निवेशकों के ₹25,000 करोड़ से ज्यादा का भविष्य भी अनिश्चित हो गया है।

क्या सिर्फ बैन ही?

इस कानून में फर्क साफ है—

रियल मनी गेमिंग (जैसे फैंटेसी गेम्स, बेटिंग, जुए से जुड़े ऐप्स) – ❌ पूरी तरह बैन।

ई-स्पोर्ट्स और एजुकेशनल गेम्स – ✅ सरकार इन्हें बढ़ावा देगी।

निष्कर्ष

भारत सरकार ने यह फैसला जुए और नशे जैसी प्रवृत्तियों पर रोक लगाने के मकसद से लिया है। लेकिन इस बैन ने भारतीय क्रिकेट को करोड़ों रुपये के नुकसान में डाल दिया है। BCCI, IPL टीमें और खिलाड़ी अब नए स्पॉन्सर्स की तलाश में जुटेंगे। दूसरी तरफ, यह कदम ई-स्पोर्ट्स उद्योग के लिए नए अवसर लेकर आया है, जिसे सरकार आगे बढ़ावा देने की तैयारी कर रही है।

👉 अब सवाल यह है कि क्या क्रिकेट और अन्य खेल उद्योग जल्द ही इस घाटे से उबर पाएंगे, या फिर आने वाले वर्षों में हमें खेलों की स्पॉन्सरशिप के नए मॉडल देखने को मिलेंगे?

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