क्या हार्दिक पांड्या की वजह से इरफ़ान पठान की कमेंट्री की नौकरी गई? पूरा सच
इरफ़ान पठान की कमेंट्री करियर की शुरुआत
इरफ़ान पठान भारतीय क्रिकेट टीम के लिए शानदार गेंदबाज़ और ऑलराउंडर रहे हैं। क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद उन्होंने कमेंट्री और क्रिकेट एनालिसिस की दुनिया में कदम रखा। उनकी साफ़गोई और बेबाक राय की वजह से फैन्स उन्हें बहुत पसंद करते हैं।
हार्दिक पांड्या पर तीखे कमेंट
आईपीएल 2024 के दौरान इरफ़ान पठान ने कई बार हार्दिक पांड्या की कप्तानी और परफॉर्मेंस पर सवाल उठाए। मुंबई इंडियंस के कप्तान के तौर पर हार्दिक लगातार आलोचना झेल रहे थे और इसी पर इरफ़ान ने कमेंट्री में अपनी राय दी। उन्होंने कहा था कि हार्दिक का गेमप्लान उतना मज़बूत नहीं लग रहा और उनकी बॉडी लैंग्वेज भी कमजोर दिखाई दे रही है।
क्या इसी वजह से मिली सज़ा?
कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हार्दिक पांड्या इस आलोचना से नाराज़ हो गए थे। माना जा रहा है कि उन्होंने बीसीसीआई और ब्रॉडकास्ट टीम पर दबाव डाला, जिसके चलते इरफ़ान पठान को आईपीएल 2025 की कमेंट्री टीम से हटा दिया गया।
इरफ़ान पठान की सफ़ाई
हालांकि, इरफ़ान पठान ने खुद सफाई देते हुए कहा कि:
उन्होंने हार्दिक पांड्या पर कोई व्यक्तिगत हमला नहीं किया।
पूरे टूर्नामेंट में उन्होंने सिर्फ़ 14 मैचों में से 7 बार ही हल्का-सा क्रिटिसिज़्म किया।
एक कमेंटेटर का काम है खिलाड़ियों के खेल का निष्पक्ष विश्लेषण करना, और उन्होंने वही किया।
दर्शकों का रिएक्शन
फैन्स का मानना है कि इरफ़ान पठान को कमेंट्री से हटाना बिल्कुल गलत है। सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में लोग इरफ़ान के समर्थन में सामने आए हैं। उनका कहना है कि अगर कोई कमेंटेटर खिलाड़ियों की गलतियों पर सवाल भी नहीं उठा सकता, तो फिर कमेंट्री का असली मकसद ही खत्म हो जाएगा।
बड़ा सवाल – क्या आलोचना सहन नहीं कर पाते खिलाड़ी ?
यह मामला सिर्फ़ इरफ़ान और हार्दिक का नहीं है, बल्कि इससे एक बड़ा सवाल खड़ा होता है – क्या हमारे खिलाड़ी आलोचना बर्दाश्त नहीं कर पाते? क्रिकेट एक पब्लिक गेम है और जब करोड़ों दर्शक इसे देखते हैं, तो सही-गलत पर चर्चा होना भी स्वाभाविक है।
निष्कर्ष
इरफ़ान पठान को कमेंट्री टीम से बाहर किए जाने का विवाद साफ़ तौर पर दर्शाता है कि क्रिकेट सिर्फ़ मैदान पर नहीं, बल्कि बाहर भी राजनीति और दबाव से भरा हुआ है। हार्दिक पांड्या और इरफ़ान पठान के बीच यह खींचतान आने वाले समय में और बड़ा मुद्दा बन सकती है।
सच्चाई चाहे जो भी हो, दर्शक यही चाहते हैं कि उन्हें निष्पक्ष और ईमानदार विश्लेषण मिले – चाहे वो हार्दिक पांड्या हों या कोई और।
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