“जब फैंस का गुस्सा चुनी समिति तक पहुँचा”
भारत और एशिया कप 2025—जब से टीम का ऐलान हुआ है, फैंस और पूर्व क्रिकेटरों का गुस्सा आग की तरह फैल रहा है। खासकर टीम के चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर (Ajit Agarkar) की कुछ फैसलों पर सोशल मीडिया पर लगातार बहस छिड़ी हुई है।
1. “श्रेयस अय्यर को क्यों नहीं?” ने मचाया हंगामा
आईपीएल 2025 में जब पंजाब किंग्स के कप्तान श्रेयस अय्यर ने धुआँधार प्रदर्शन किया और 600 से ज़्यादा रन बनाए, तो फैंस उम्मीद कर रहे थे कि वह एशिया कप में जगह पाएँगे। लेकिन अजीत अगरकर ने उन्हें न केवल मुख्य 15 सदस्यीय टीम में बल्कि रिज़र्व लिस्ट में भी शामिल नहीं किया। ऐसा सुनकर फैंस ने ट्विटर तक रणभूमि बना दी—"ये क्या हो रहा है?"
2. “हमारी कोई गलती नहीं… इंतज़ार कीजिये!”
जब चयन की आलोचना तेज हुई, तो अगरकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “श्रेयस की कोई गलती नहीं है, न ही हमारी। उन्हें मौका मिलेगा—बस थोड़ा इंतज़ार कीजिए।” इस बयान ने और ज्यादा सवाल खड़े कर दिए।
3. “X-Factor खिलाड़ियों की कमी
पर भड़की आलोचना पूर्व कप्तान और क्रिकेट पंडित हरभजन सिंह ने दो 'X-factor' खिलाड़ियों को टीम में शामिल न करने पर सीधा निशाना साधा—“मैं उम्मीद कर रहा था कि वे होंगे।” उनकी यह नाराज़गी चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता पर और भी सवाल खड़े कर गई।
4. चहेते लोगों का फ़ेवरिट चेहरा?
कुछ पूर्व कोच ने संकेत दिए कि श्रेयस अय्यर “ऑफिशियलली पसंद नहीं किए जा रहे,” और ऐसा लग रहा है कि चयन में व्यक्तिगत पसंद-नापसंद का असर पड़ रहा है। यही वजह है कि कई फैंस चयन समिति पर भरोसा खोते दिखे।
5. मस्या और रणनीति
चौथा विवाद तब छिड़ा जब चयनकर्ता समिति के सामने चार खिलाड़ियों—श्रेयस अय्यर, रिंकू सिंह, वाशिंगटन सुंदर और रियान पराग—के बीच सिर्फ एक जगह को लेकर बहस छिड़ गई। यही सिलसिला सबसे बड़ा सिरदर्द साबित हुआ।
फैंस की राय और गुस्सा
फैंस का मानना है कि चयन प्रक्रिया पारदर्शी नहीं रही।
सोशल मीडिया पर लगातार सवाल उठ रहे हैं कि “अगर प्रदर्शन मायने नहीं रखता तो चयन के पैमाने क्या हैं?”
कई लोग मानते हैं कि व्यक्तिगत समीकरण और राजनीति क्रिकेट पर भारी पड़ रही है।
निष्कर्ष
भारत की टीम चयन प्रक्रिया हर बार चर्चा का विषय बनती है। इस बार भी श्रेयस अय्यर को लेकर फैंस का गुस्सा और दिग्गजों की नाराज़गी साफ़ झलक रही है। सवाल यही है—क्या चयन वास्तव में प्रदर्शन पर आधारित है या फिर इसके पीछे कुछ और समीकरण काम कर रहे हैं?
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