भारत बनाम पाकिस्तान मैच के टिकट आधे खाली, फैन्स में नाराजगी या रोमांच खत्म?
टिकट आधे से ज्यादा खाली क्यों?
रिपोर्ट के मुताबिक, मैच से दो दिन पहले तक करीब 50 प्रतिशत टिकट बिके नहीं थे। ये बहुत बड़ी बात है। इसका मुख्य कारण सिर्फ मैच का आयोजन नहीं, बल्कि कई बातें जुड़ी हुई हैं। सबसे पहली वजह है – भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव। कुछ समय पहले पाकिस्तान से आए आतंकवादियों ने पहलगाम में 26 भारतीयों की हत्या कर दी थी। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया। ऐसे में कई क्रिकेट प्रेमी इस मैच का विरोध कर रहे हैं और टिकट खरीदने से इनकार कर रहे हैं।
राजनीति का असर खेल पर
क्रिकेट सिर्फ खेल नहीं है, यह देश की भावनाओं से जुड़ा हुआ है। कई भारतीय फैन्स का मानना है कि पाकिस्तान के साथ मैच खेलना गलत है। वे चाहते हैं कि दोनों देशों के बीच दोस्ती हो, लेकिन आतंकवाद की वजह से दूरी बनी हुई है। कुछ फैन्स कह रहे हैं कि ऐसे मैच खेलने से पाकिस्तान को बढ़ावा मिलेगा। यही वजह है कि टिकट खरीदने में दिलचस्पी कम हो गई है।
एकतरफा मुकाबलों ने भी घटाया उत्साह
दूसरी वजह है कि हाल के कुछ मुकाबलों में भारत ने पाकिस्तान को बड़े अंतर से हराया है। जब मैच एकतरफा हो जाता है तो दर्शकों में रोमांच कम हो जाता है। लोग रोमांचक और टक्कर वाले मैच देखना पसंद करते हैं। लेकिन बार-बार एक जैसा नतीजा आने से फैन्स का उत्साह भी घटा है। ऐसे में कई लोग कह रहे हैं कि वे टिकट खरीदकर स्टेडियम में जाकर मैच देखने का कोई मतलब नहीं समझते।
सोशल मीडिया पर फैन्स की नाराजगी
सोशल मीडिया पर भी इसका असर साफ दिखाई दे रहा है। कई लोग पोस्ट कर रहे हैं कि देशहित को ध्यान में रखते हुए पाकिस्तान के खिलाफ मैच का बहिष्कार करें। कुछ लोग कह रहे हैं कि खेल का नाम लेकर आतंकवाद का समर्थन नहीं किया जा सकता। वहीं कुछ फैन्स सिर्फ क्रिकेट के मज़े के लिए मैच देखना चाहते हैं लेकिन वे भी मान रहे हैं कि बिना बराबरी की टक्कर वाले मैच में देखने लायक रोमांच नहीं है।
क्या इसका असर आने वाले समय में होगा?
अगर यही स्थिति बनी रही तो आने वाले समय में भारत और पाकिस्तान के मैचों का असर दर्शकों पर पड़ सकता है। क्रिकेट बोर्ड्स को भी सोचने की जरूरत है कि कैसे ऐसे बड़े मुकाबलों को फिर से रोमांचक और सुरक्षित बनाया जाए। साथ ही, दर्शकों की भावनाओं का सम्मान करना भी जरूरी है।
निष्कर्ष
भारत बनाम पाकिस्तान का मैच हमेशा से क्रिकेट प्रेमियों के लिए त्योहार जैसा रहा है। लेकिन इस बार टिकटों की आधी बिक्री यह बता रही है कि दर्शकों के मन में खेल से ज्यादा राजनीति और सुरक्षा की चिंता है। साथ ही, बार-बार एकतरफा मुकाबले भी उत्साह कम कर रहे हैं। अब देखना होगा कि आगे क्या बदलाव आते हैं और क्या यह ऐतिहासिक मैच फिर से पहले जैसा रोमांच लौटाता है या नहीं।

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